मंदी

इस देश को साम्प्रदायिकता के ज़हर से बचाने कस सही वक़्त आ गया है इसने सबका धयान बांट रखा है अभी देश मंदी से जूझ रहा है कल महा मंदी आ रही है दबे पांव फिर क्या होगा भाई