आम बजट आ गया है यथार्थ को लगभग अनदेखा कर सन 2020 2021 के लिए दस फीसदी विकास दर का असम्भव सा लक्ष्य वित्तमंत्रीन ने जब rakha तो विपक्ष ने जमकर नारेबाजी की हां किसानों को 15 लाख करोड़ तक के कर्ज़ देने की घोषणा पर अगर वास्तविकता में अमल हो तो एक तरफ हमारा अन्न दाता किसान साहूकारों के कर्ज़ के चंगुल से आज़ाद तो होगा ही दूसरी तरफ भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हमारा कृषि क्षेत्र मज़बूत बनेगा अभी आवश्यकता है हमारा आत्म निर्भर मज़बूत कृषि का संरचनात्मक ढांचा आम बजट में मध्य वर्ग के लिए ख़ास कुछ नहीं है हाँ टैक्स में लोग नया या पुराना स्लैब चुन सकेंगे सवाल भयावह बेरोज़गारी का है और इस से निपटना मोदी सरकार के लिए हमेशा की तरह बड़ी चुनौती है सरकार को यह भी सोचना होगा कि मंदी का वर्तमान दौर जल्द ही ख़त्म हो इसके लिए हमारे राजकीय ढांचे को निजी क्षेत्र क्षेत्र के साथ साथ ही महत्व देना होगा
आम बजट