पूरा देश निर्भया के गुनाहगारों को फांसी के फंदे पर लटका हुआ देखना चाहता है अब तक ये दरिंदे कानूनी प्रावधानों की आड़ लेकर बचते रहे हैं लेकिन अब हद से हद आखिरी कुछ दिन बच पाएंगे न्याय में देरी के कारण आज लोग हैदराबाद जैसी घटनाओं का समर्थन करने लगे हैं तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नही है आखिर धैर्य की भी कोई हद होती है वैसे माननीय सुप्रीम कोर्ट का भी ये मानना है कि इस तरह के मामलों में सज़ा एक समयसीमा के भीतर ही होना चाहिए
जल्द सज़ा हो