सबक

विभाजन के हिन्दू मुस्लिम दंगों के बाद से अभी देश की राजधानी दिल्ली में जारी दंगों में मनुष्य ने अपनी ही जाति का कितना रक्त बहाया है सोच कर ही हमारी आत्मा सिहर जाती है दरअसल इन फसादों मे इंसान का तो ख़ून तो बहता ही और तबाही का मंज़र भी तामीर होता है पर असल मे मानवता नष्ट हो जाती है पर हम हैं कि किसी भी चीज़ से सबक नहीं लेते