कोरोना लॉक डाउन से एक तरफ ज़िन्दगी को बचाने का देशव्यापी संघर्ष चल रहा है वहीं बंद के कारण काम से महरूम लाखों दिहाड़ी मजदूर अब भुखमरी से संघर्ष करते नज़र आ रहे हैं सरकार को चाहिए कि इन मज़दूरों को शीघ्र चिन्हित कर इनकी दो वक्त की रोटी का प्रबंध सुनिश्चित करे वरना कल जिस तरह मुम्बई के बांद्रा मे लगभग 4000 मज़दूर सड़कों पर उतर आए थे ऐसी घटनाएं आम होने लगेंगी और कोरोना के विरुद्ध हमारी जंग पिछड़ जाएगी
जंग