लॉक डाउन खुलने के बाद क्या जीवन जस का तस रह पाएगा या बदल जायेगा हां बिल्कुल बदल जायेगा सब कुछ न वो अर्थ व्यवस्था रहेगी जो पहले से ही घोर असमानताओं वाली थी गहरी मंदी का शिकार होने वाली है निजी क्षेत्र में भयानक छंटनी होगी पब्लिक सेक्टर में भी अस्थाई व संविदा कर्मचारियों को हटा दिया जाएगा छोटे व्यापारी तबाह हो रहे हैं स्वास्थ्य क्षेत्र की सुविधाओं में भारी कटौती होगी कच्चे माल के अभाव में दवा ।निर्माण में कमी आएगी दवाओं की कीमतें आसमान छुएंगी फ़िल्म एवम टेलीविशन उद्योग खतरे में हैं रेलवे को अकल्पनीय क्षति हो ही चुकी है हर घर की बुनियादी ज़रूरत नमक के निर्माण और वितरण संकट में है जीवन अवसादग्रस्त हो रहा है
बदलाव