सबको न्याय

बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या या हत्या इस समय एक गहन और गम्भीर


प्रश्न बन गई है। लोग सुशांत के लिए इंसाफ मांग रहे


हैं ।सुशांत को इंसाफ मिलना भी चाहिए और दोषियों को भी उनके अंजाम तक पहुंचना चाहिए। इस समय हमारा मीडिया तो एक जुनून की तरह इस केस केलिए


ज़मीन आसमान एक कर रहा है खासतौर पे


हमारा इलेक्ट्रोनिक मीडिया। एक होनहार आर्टिस्ट


को इंसाफ मिलना ही चाहिए। आत्महत्या किसी भी समस्या का हल नही है। हज़ारों किसानों की आत्महत्या हो या बेरोज़गारी सूदखोरी या परीक्षा में असफलता से परेशान होकर लोग आत्महत्या करते रहते हैं जो मात्र एक मामूली खबर बन के रह जाती है


क्योंकि उसमे कोई ग्लैमर कोई सनसनी हमारे समाज और मीडिया को नज़र नही आती जबकि हर आत्महत्या को लेकर हमे उतना ही संवेदनशील होना


चाहिए तभी तो हमारा समाज और हमारे माध्यम


वास्तव में सभ्य संवेदनशील कहे जाएंगे।